3 टिप्पणियां (+add yours?)

  1. Madan Gopal Goyal
    नवम्बर 18, 2018 @ 22:46:54

    कृपया पूरे नीति शतक को.ही प्रकाशित कर दें।

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    • योगेन्द्र जोशी
      नवम्बर 26, 2018 @ 21:27:03

      मुझे खेद है कि मैं आपकी सलाह के अनुसार पूरे नीति शतक को अपने चिट्ठे पर प्रस्तुत नहीं कर सकता। क्षमा चाहूंगा।
      कारण यह है कि मैं एकाधिक ब्लॉग लिखा करता हूं और मेरा प्रयास होता है कि मेरे आलेख यथसंभव तथ्यात्मक हों और जितना संभव हो सके भाषायी दृष्टि से भी त्रुटिहीन हों।
      मैं विविध विषयों का अध्ययन करता रहता हूं और जब कभी मुझे कहीं कुछ रोचक अथवा उपयोगी पाठ्य सामग्री मिलती है तो उसे अपने आलेख का आधार चुनता हूं।
      इसीलिए नीतिशतक जैसे ग्रंथ – भले ही यह काफी छोटा करीब १०० छंदों (नाम के अनुरूप) का है – को प्रस्तुत करने पर स्वाध्याय तथा अन्य चिट्ठों के लेखन को प्रभावित करेगा।
      आशा है कि आप मेरी विवशता समझ रहे होंगे।

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  2. pjoshi23
    नवम्बर 19, 2018 @ 12:53:37

    आप अपने ब्लॉग में ज्यादा बड़े अक्षरों का इस्तेमाल करें, तो पढ़ने में आसानी होगी

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